14. दक्षिण भारत (संगम, पल्लव, चालुक्य, चोल)
संगम
राजनीतिक घटनाएं
• जिस राजवंश का उल्लेख संगम साहित्य में हुआ है
- चोल, चेर और पांड्य
• राजकुमार एलारा ने दूसरी शताब्दी ई.पू. में श्रीलंका पर विजय प्राप्त किया था। वह द्रविड़ शासकों के किस वंश से सम्बन्धित था?
-चोल
• पांड्य साम्राज्य की राजधानी कहां थी?
-मदुरै
• ‘लाल चेर’ के नाम से प्रसिद्ध वह चेर राजा कौन था जिसने कण्णगी के मंदिर का निर्माण कराया था
-सिंचगुट्टूवन / शेनगुट्टुवन
• संगम कालीन साहित्य में कोन, को और मन्नन प्रयुक्त होता था
- राजा के लिए
• दक्षिण भारत के जिस वंश के राजा ने रोम राज्य में एक दूत 26 ई.पू. में भेजा था
- पांड्य
• चेरों का राजकीय चिह्न क्या था
-धनुष
• किस चेर शासक को ‘हाथी की आंख वाला’ शासक भी कहा जाता है।
-‘शेय’
• चोलों के विषय में प्रथम जानकारी किस स्रोत से प्राप्त हुयी है
-अष्टाध्यायी
• किस राजवंश का संगम साहित्य में उल्लेख नहीं हुआ है
-कदंब
• कौन एक तमिल देश के संगम युग का राजवंश नहीं था
-पल्लव
अर्थव्यवस्था
• ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारत तथा रोम के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों की सूचना जिस पुरास्थल की खुदाइयों से प्राप्त होती है
- अरिकामेडु (पोडुका)
• कौन से संगम पत्तन पश्चिमी तट पर स्थिति थे
-तोण्डी और मुशिरी
• दी पेरिप्लस ऑफ द इरिथ्रियन सी का अज्ञात लेखक पोडुका का उल्लेख करता है, जो है
- अरिकामेडु
• रोमन बस्ती कहां से प्राप्त हुई है
-अरिकामेडु
• संगम युग में उरैयुर किसलिए विख्यात् था
- कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
• पांड्य राज्य की जीवन रेखा थी
- वेंगी नदी
• कौन सा संगम कालीन राज्य मोतियों के लिए प्रसिद्ध था
-पांड्य
• दक्षिण भारत के किस वंश के राजा ने रोम राज्य में एक दूत 26 ई.पू. में भेजा था
-पांड्य
• संगम काल में सर्वोच्च न्यायालय को कहा जाता था
-मनरम
समाज
• प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में प्राप्य ‘यवनप्रिय’ शब्द द्योतक था
-कालीमिर्च का
• एम्फोरा जार होता है एक
-लंबा एवं दोनों तरफ हत्थेदार जार
• किस ऋषि के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दक्षिण भारत का आर्यकरण किया, उन्हें आर्य बनाया
-अगस्त्य
संस्कृति
• तमिल भाषा के ‘शिलप्पदिकारम’ और ‘मणिमेखलई’ नामक गौरव ग्रन्थ किससे सम्बन्धित है?
-हिन्दू धर्म
• संगम युग का संबंध कहां के इतिहास से है?
-तमिलनाडु
• कौन सा ग्रंथ अलंकार शास्त्र और व्याकरण का प्रमुख ग्रथ माना जाता है
-तोलकाप्पियम
• तोल्कापियम ग्रंथ संबंधित है
- व्याकरण और काव्य से
• संगम साहित्य में ‘तोलकाप्पियम’ एक ग्रंथ है
-तमिल व्याकरण का
• शिलप्पदिकारम का लेखक था
- इलंगो आडिगल
• धार्मिक कविताओं का संकलन ‘कुरल’
- तमिल भाषा में लिखा गया है